कुछ तो था उसके ओठों पर, ना जाने हम से क्यों शरमाती👩थी,
कुछ तो था उसके ओठों पर,
ना जाने हम से क्यों शरमाती👩थी,
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एक दिन हसीं तो पता चला,
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नालायक "तंबाखू" खाती थी |
ना जाने हम से क्यों शरमाती👩थी,
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एक दिन हसीं तो पता चला,
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नालायक "तंबाखू" खाती थी |