23 साल का युवा जब फांसी पर चढ़ रहा था, 62 साल का बुड्डा तब तमाशा देख रहा था।

23 साल का युवा जब फांसी पर चढ़ रहा था, 62 साल का बुड्डा तब तमाशा देख रहा था।
वो युवा आज आतंकवादी कहलाता है, और वो बुड्डा आज राष्ट्र पिता कहलाता है।
वैसे भी राष्ट्र का पिता नहीं होता, राष्ट्र के सपूत होते हैं अच्छा हुआ भगत सिंह की तेरा चेहरा नहीं है नोटों पे
वरना कुचला जाता तू, मुन्नी और शीला के कोठों पे ।
तू था और रहेगा वीरों के दिल में, रहने दे गांधी को नोटों पर ।
तू शहीद हुआ न जाने कैसे तेरी माँ सोई होगी, एक बात तो तय है, तुझे गले लगा के रस्सी भी सौ बार रोई होगी।

Popular posts from this blog

Joke in Salman Khan Style:Funny Jokezz

फ़ोकट का ज्ञान

"हमारी अधूरी कहानी" गाना सुनते ही मैं अपनी gf को miss करने लगा....