आज का सत्य
आज का सत्य
नींद आखे बंद करने से नही Net बंद करने से आती है..!!...
.
"भूखे को रोटी और android फ़ोन वाले
को charger देना पुण्य का काम होता है.."
शाश्त्रों में लिखना रह गया था...सोचा बता दूँ...!"!
.
पहले लोग 'बेटा' के लिये तरसते थे..
,
और आजकल डेटा के लिये !
.
आज की सबसे बड़ी दुविधा.....
,
मोबाइल बिगड़ जाये तो बच्चे जिम्मेदार
और बच्चे बिगड़ जाये तो मोबाइल
जिम्मेदार....
.
.
" बदल गया है जमाना पहले माँ का पेर छू कर
निकलते थे,
अब मोबाइल की बेटरी फुल करके
निकलते है । It is Awesome
.
>>कुछ लोग जब रात को अचानक फोन का बैलेंस ख़त्म हो जाता है इतना परेशान हो जाते हैं माने जैसे सुबह तक वो इन्सान जिंदा ही नहीं रहेगा जिससे बात करनी थी।
.
>> कुछ लोग जब फ़ोन की बैटरी 1-2% हो तो चार्जर की तरफ ऐसे भागते है जैसे उससे कह रहे हो "तुझे कुछ नहीं होगा भाई ! आँखे बंद मत करना मैं हूँ न ! सब ठीक हो जायेगा।
>>कुछ लोग अपने फोन में ऐसे पैटर्न लॉक लगाते हैं जैसे आई एस आई की सारी गुप्त फाइलें उनके फ़ोन में ही पड़ी हो।
>>कुछ लोग जब आपसे बात कर रहे होते हैं तो बार बार अपने फ़ोन को जेब से निकालते हैं, लॉक खोलते हैं और वापस लॉक कर देते हैं...वास्तव में वे कुछ देखते नहीं हैं,
बस ये जताते हैं कि वो जाना चाहते हैं।
.
>>गलती से फ़ोन किसी दुसरे दोस्त के यहाँ छुट जाए तो ऐसा महसूस होता हैं जैसे अपनी भोली- भाली गर्लफ्रेंड को शक्ति कपूर के पास छोड़ आये हो। .
डरपोक है वो लोग-
जो online नहीं आतेे...
साला जिगर चाहिए-
टाइम बरबाद करने के लिए..
नींद आखे बंद करने से नही Net बंद करने से आती है..!!...
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"भूखे को रोटी और android फ़ोन वाले
को charger देना पुण्य का काम होता है.."
शाश्त्रों में लिखना रह गया था...सोचा बता दूँ...!"!
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पहले लोग 'बेटा' के लिये तरसते थे..
,
और आजकल डेटा के लिये !
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आज की सबसे बड़ी दुविधा.....
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मोबाइल बिगड़ जाये तो बच्चे जिम्मेदार
और बच्चे बिगड़ जाये तो मोबाइल
जिम्मेदार....
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" बदल गया है जमाना पहले माँ का पेर छू कर
निकलते थे,
अब मोबाइल की बेटरी फुल करके
निकलते है । It is Awesome
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>>कुछ लोग जब रात को अचानक फोन का बैलेंस ख़त्म हो जाता है इतना परेशान हो जाते हैं माने जैसे सुबह तक वो इन्सान जिंदा ही नहीं रहेगा जिससे बात करनी थी।
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>> कुछ लोग जब फ़ोन की बैटरी 1-2% हो तो चार्जर की तरफ ऐसे भागते है जैसे उससे कह रहे हो "तुझे कुछ नहीं होगा भाई ! आँखे बंद मत करना मैं हूँ न ! सब ठीक हो जायेगा।
>>कुछ लोग अपने फोन में ऐसे पैटर्न लॉक लगाते हैं जैसे आई एस आई की सारी गुप्त फाइलें उनके फ़ोन में ही पड़ी हो।
>>कुछ लोग जब आपसे बात कर रहे होते हैं तो बार बार अपने फ़ोन को जेब से निकालते हैं, लॉक खोलते हैं और वापस लॉक कर देते हैं...वास्तव में वे कुछ देखते नहीं हैं,
बस ये जताते हैं कि वो जाना चाहते हैं।
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>>गलती से फ़ोन किसी दुसरे दोस्त के यहाँ छुट जाए तो ऐसा महसूस होता हैं जैसे अपनी भोली- भाली गर्लफ्रेंड को शक्ति कपूर के पास छोड़ आये हो। .
डरपोक है वो लोग-
जो online नहीं आतेे...
साला जिगर चाहिए-
टाइम बरबाद करने के लिए..